मां का दूध नवजात के लिए अमूल्य होता है
kapilvastupost reporter
कपिलवस्तु। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में विश्व स्तनपान जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ सोमवार को किया गया। शुभारंभ के अवसर पर मिशन शक्ति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी नीता यादव ने कहा कि मां का दूध नवजात के लिए अमूल्य होता है। माँ का दूध ही भारत की सामाजिक संरचना और ताना-बाना में महत्वपूर्ण है। आज के आधुनिक समाज में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियों के कारण स्तनपान के प्रति निरंतर अजागरूकता बढ़ रही है। विशेष रुप से पढ़े लिखे समाज में महिलाएं स्तनपान की अनदेखी कर रही हैं। इसलिए स्तनपान जागरूकता के माध्यम से विशेष रुप से महिलाओं और भविष्य में मां बनने वाली छात्राओं के लिए इस प्रकार का कार्यक्रम अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता गृह विज्ञान की सहायक आचार्य डॉ रक्षा ने कहा कि प्रतिवर्ष 1 से 7 अगस्त विश्व स्तनपान जागरूकता दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व स्वास्थ संगठन एवं संयुक्त प्रयास से संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है। भारत में भी स्तनपान जागरूकता को लेकर निरंतर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। स्तनपान की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए डॉक्टर रक्षा ने कहा कि वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर यह सुनिश्चित है कि प्रसव के बाद पहला पीला गाढ़ा दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, नवजात शिशु के लिए अमृत के समान है। नवजात शिशु में पीला दूध एंटीबॉडी पोषक तत्व खनिज एवं अन्य अनेक लाभकारी गुण को विकसित कर नवजात को पुष्ट बनाता है। कोलोस्ट्रम का नवजातों में संक्रमण से लड़ने तथा उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कृत्रिम दूध अथवा बाहर के दूधों की अपेक्षा ब्रेस्ट मिल्क नवजात में शारीरिक बौद्धिक आध्यात्मिक चेतना का संचार करता है। इसके साथ ही मां का दूध वास्तव में मां और नवजात के मध्य अटूट संबंध विकसित करने में योगदान देता है। मां और बच्चे के बीच अनंत काल तक अमित संबंध विकसित करने में माँ का दूध सक्षम है ।कार्यक्रम में डॉ.अविनाश प्रताप सिंह, डॉ. जय सिंह यादव, डॉ वंदना गुप्ता, डॉक्टर हरेंद्र शर्मा, डॉक्टर अरविंद कुमार रावत सहित विश्व विद्यालय की छात्राएं छात्र उपस्थित रहे।