मछली उत्पादन में सिद्धार्थ नगर बनेगा नेशनल हब – जगदम्बिका पाल

रमेश गुप्ता


शोहरतगढ़। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत नदियों की निर्मलता बढ़ाने और नाइट्रोजन युक्त प्रदूषण को कम करने के लिए पहले चरण में शुक्रवार को बानगंगा नदी में एक लाख मत्स्य अंगुलिकाए प्रवाहित की गईं। इस कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद द्वारा की गई। जिसके मुख्य अतिथि सांसद जगदम्बिका पाल रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि भारत सरकार की संस्था राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद द्वारा प्रदेश सरकारों के साथ मिलकर जलीय प्रदूषण को कम करने तथा जलीय पर्यावरण को संतुलित रखने के उद्देश्य से भारत की प्रमुख नदियों में मत्स्य सम्पदा में वृद्धि के लिए रिवर रैंचिंग का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सिद्धार्थनगर की कालानमक चावल ‘वन वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत देश विदेश अपना अलग पहचान और सिद्धार्थनगर की मिट्टी की खुशबू से विख्यात हो रहा है। उसी तरह उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा सिद्धार्थनगर जिला मछली का उत्पादन केंद्र बन कर उभर रहा हैं। जो यहाँ प्रति बर्ष 12 हाजर टन की मछली का उत्पादन किया जाता है। जो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक है। जिस तरह मत्स्य पालन में किसानों की रुचि बढ़ रही है। आने वाले समय 12 हजार टन से 20 हाजर टन की उत्पादन बढ़ जाएगी।
इस अवसर पर सहायक निदेशक मत्स्य विभाग सिद्धार्थनगर डा. पुष्पा तिवारी ने बताया कि यह योजना पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहली बार सुरु की गई है जिसके अंतर्गत सिद्धार्थ नगर जनपद में पहले फेज में बाणगंगा नदी में 1 लाख मछलियों को नदी में छोड़ा गया है जो बड़े होकर मछली मारकर जीवकोपार्जन के लिए मछली मार कर बेच कर परिवार का भरण पोषण करते हैं वो लोग इनका शिकार करेंगे ।
इस दौरान शिव प्रकाश, कुलदीप सेक्सेना पदमाकर शुक्ला, संजय दूबे, रोशन श्रीवास्तव, सूर्य प्रकाश पांडये, योगेंद्र तिवारी सहित आदि लोग मौजूद।

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