आज़ादी के बाद पहला ऑपरेशन जच्चा बच्चा स्वस्थ

शोहरतगढ़ और इटवा एफआरयू पर सी-सेक्शन डिलेवरी सुविधा शुरू


जिले के पांच एफआरयू में चार पर सेवा संचालित होने से गर्भवती को राहत
तहसील स्तर पर सिजेरियन सुविधा चालू होने से उच्च जोखिम वाली जरूरतमंद महिलाएं उठा सकेंगी लाभ
नि:शुल्क मिलेगी सिजेरियन की सुविधा


इन्द्रेश तिवारी / विशाल दुबे/ अभिषेक शुक्ल


स्वास्थ्य विभाग ने शोहरतगढ़ व इटवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर बने फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) पर सी-सेक्शन (सिजेरियन) डिलेवरी की सुविधा शुरू की है।

तहसील स्तर पर यह सुविधा प्रारंभ होने से उच्च जोखिम वाली ऐसी गर्भवती (एचआरपी), जिनका सामान्य प्रसव संभव नहीं है उनका सिजेरियन प्रसव नि:शुल्क संभव हो सकेगा। स्थानीय लोग अब सिजेरियन कराने के लिए जिला अस्पताल का चक्कर लगाने की बजाए इन्हीं स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच कर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

विभाग ने जिले में पांच एफआरयू के सापेक्ष अब तक चार पर यह सुविधा प्रारंभ कर दिया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. विनोद कुमार अग्रवाल ने बताया कि विभाग प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) कार्यक्रम के माध्यम से उच्च जोखिम वाली गर्भवती का चिन्हांकन करते हुए सुरक्षित प्रसव के प्रति प्रयासरत है। गर्भवती को आवश्यकतानुसार सी-सेक्शन डिलेवरी की सुविधा घर के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर समय भीतर मिल सके, इसे ध्यान में रखते हुए एफआरयू पर सी-सेक्शन सुविधा प्रारंभ की गई है।

जिले में उस्का बाजार व मिठवल एफआरयू पर यह सुविधा पहले से संचालित है। छह नवंबर से शोहरतगढ़ व इटवा एफआरयू पर सिजेरियन प्रारंभ कर दी गई है। बेंवा (डुमरियागंज) में भी जल्दी ही सी-सेक्शन सेवा प्रारंभ कराई जाएगी।

एसीएमओ आरसीएच व सर्जन डॉ. उजैर अतहर ने बताया कि एफआरयू पर ग्रामीणों को नि:शुल्क सुविधा का लाभ मिल सके इसके लिए वह स्वंय अपनी टीम के साथ ऑपरेशन की कमान संभाल रखे हैं। सीएचसी शोहरतगढ़ में ऑपरेशन के दौरान उनके साथ स्टाफ नर्स नीलम पांडेय, स्टॉफ नर्स रतन लाल और बीसीपीएम सुरेंद्र पाल आदि मौजूद रहें।

निजी अस्पताल के खर्च बचाएगी एफआरयू


मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के परामर्शदाता प्रमोद कुमार संत ने बताया कि एफआरयू पर सी-सेक्शन सुविधा न रहने से लोगों को परेशानी होती थी। कुछ एचआरपी का ऑपरेशन कराने के लिए लोग जिला अस्पताल या फिर निजी अस्पताल जाते थे। निजी अस्पताल में ऑपरेशन का 30 से 35 हजार रुपये खर्च है, जबकि सरकारी केंद्रों पर यह सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है।
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ऑपरेशन से मातृ-शिशु मृत्युदर रोकने का प्रयास
एसीएमओ आरसीएच व सर्जन डॉ. उजैर अतहर बताते हैं कि विभाग सामान्य प्रसव पर अधिक जोर देता है, लेकिन गर्भवती के शरीर में खून की कमी, बच्चे के उलटा रहने, गर्भवती को झटके आने पर, मानसिक तनाव आदि स्थिति में ऑपरेशन करना पड़ता है। यह मातृ-शिशु मृत्युदर को रोकने में भी मदद मिलेगी।


नासिरा को नि:शुल्क मिली सुविधा


शोहरतगढ़ एफआरयू पर सी-सेक्शन सेवा प्रारंभ होने पर जुगडिहवा गांव की नासिरा (35) ने पहला ऑपरेशन कराया। वह बताती हैं कि गर्भवती होने पर वह निजी अस्पताल में इलाज कर रही थी। सुरक्षित प्रसव कराने के लिए पति सद्दाम हुसैन ने सीएचसी से संपर्क किया तो ऑपरेशन की सुविधा प्रारंभ होने की जानकारी दी गई।

समय पूरा होने पर छह नवंबर को वह सीएचसी में भर्ती हुई। यहां चिकित्सकों की टीम ने ऑपरेशन किया, जहां उन्होंने तीसरे बच्चे को जन्म दिया। यह सुविधा उन्हें पूरी तरह से नि:शुल्क मिली है।

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